Friday, April 5, 2013

कल रात मेरी आँखो में सपने की एक बूँद आई

कुछ इस कदर दीवानी हुई वो हमारी, के हर रात सपनो में चली आती है

कभी आँखो में सपना, कभी सपने की एक बूँद बन जाती है

ऐसा प्यार भी किस्मत वालो को ही मिलता है

कि हमने तो उसकी गली छोड़ दी, पर उसकी आँखें हमे न छोड़ पाती है



कल रात भी वो मुझे ढूँढते आँखो में चली आई

कुछ बातें की उसने, कुछ बातें दिल में छुपाई

गम उन बातों का नही, जो उसने मेरी नम आँखों से की थी

गम तो उनका है, जो बातें वो कह ही न पाई


Vishal Gupta 
Dept. of Aerospace Engineering.

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